वसंत पंचमी | भगवती सरस्वती की पूजा और आराधना | Medhavi Dhyan

वसंत पंचमी | भगवती सरस्वती की पूजा और आराधना | Medhavi Dhyan

वसंत पंचमी

विद्या की अधिष्ठात्री देवी, माँ सरस्वती (वसंत पंचमी विशेष )

              माघ शुक्ल पंचमी को सरस्वती पूजन किया जाता है। विद्या की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती पूजन का काफी महत्व है। भगवती सरस्वती विद्या, बुद्धि, ज्ञान और वाणी की अधिष्ठात्री देवी हैं। इनसे शास्त्रों  का ज्ञान प्राप्त होता है। सृष्टिकाल से ईश्वर की इच्छा से आद्या शक्ति ने अपने को पांच भागों में बांट लिया था। वे राधा, दुर्गा और सरस्वती के रूप में भगवान कृष्ण के विभिन अंगों से प्रकट हुई थीं। उस समय श्रीकृष्ण के कंठ से उत्पन्न होने वाली देवी का नाम ‘सरस्वती’ हुआ।

             देवी भागवत और दुर्गा सप्तशती में भी आद्या शक्ति द्वारा अपने आपको तीन भागों में विभक्त करने की कथा प्राप्त होती है। आद्या शक्ति के ये तीनों रूप महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के नाम से विश्व में विख्यात हुईं।

             भगवती सरस्वती सर्वगुण सम्पन्न हैं। इनके अनेक नाम हैं जिनमें वाक्, वाणी, गिरा, शारदा, वाचा, वागीश्वरी आदि नाम प्रसिद्ध हैं। भगवती सरस्वती की महिमा और प्रभाव असीम हैं। सरस्वती जी की कृपा से मनुष्य ज्ञानी, विज्ञानी मेधावी और महर्षि बन जाता है।

             भगवती सरस्वती की पूजा और आराधना के लिये माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि निर्धारित की गयी हैं बसंत पंचमी को इनका प्राकट्य दिवस माना जाता है। इस दिन को भी वसंत पंचमी भी कहा जाता है। भगवती सरस्वती की वार्षिक पूजा के साथ ही बच्चों के अक्षरारम्भ और विद्याध्ययन की तिथियों पर सरस्वती पूजन का विधान है। महर्षि वाल्मकि, व्यास, वशिष्ठ, विश्वामित्र, शौनक आदि ऋषि इनकी ही साधना से महान हुए।

             भगवती सरस्वती के उपासक को माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को प्रातःकाल भगवती सरस्वती की पूजा करनी चाहिये। सरस्वती विद्या की अधिष्ठात्री देवी हैं। विद्या को सभी धनों में प्रधान कहा गया है। विद्यार्थियों को विशेष रूप से सरस्वती पूजन और सारस्वत व्रत का पालन करना चाहिये। विद्या और बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती की महिमा अनंत है। सरस्वती की उपासना से बुद्धि का विकास होता है। बुद्धि कुमार्ग पर नहीं जाती है।

वसंत पंचमी और सरस्वती पूजन       

      विश्वविख्यात उपदेष्टा सद्गुरु सुधांशुजी महाराज द्वारा 16 फरवरी, 2021 को आनंदधाम आश्रम बक्करवाला, दिल्ली से ऑनलाइन ‘मेधावी ध्यान साधना’ का आयोजन किया गया है। महाराजश्री वसंत पंचमी और सरस्वती पूजन के बारे में कहते हैं-

             वसंत पंचमी का एक सुन्दर अवसर है, हम सभी के लिये जिसमें हम ‘सरस्वती आराधना’ के लिये अपना प्रयोग कर सकते हैं। मेधा, प्रज्ञा, बुद्धिमत्ता, विद्या, ज्ञान, सफलता प्राप्ति के लिये आशीष लेने का अवसर है। इस अवसर पर हम सभी मेधावी ध्यान को अपना सकें तो उससे हम अपने एकाग्रता को बढ़ा सकते हैं और अपनी सफलता को आसान कर सकते हैं।

             16 फरवरी, 2021 को यह सुअवसर रखा गया है कि आप ऑनलाइन भी इस ध्यान शिविर में शामिल हो सकते हैं। यह विशेष रूप से उन बालकों के लिये हैं जो अपनी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। उन लोगों से मैं चाहूंगा कि वे ‘मेधावी ध्यान शिविर’ में ऑनलाइन जो विधि और तरीके बतायें जायें, आप उनका थोड़ी देर, हर दिन प्रयोग करें। आपको ज्यादा समय नहीं लगाना है, आपको 10-12 मिनट ही अपने लिये प्रयोग करना है और उन 10-12 मिनट से ही आपको बहुत बड़ा लाभ होगा।

             आप जानते हैं कि हर व्यक्ति सफलता तो चाहता है लेकिन हर व्यक्ति सफल नहीं हो पाता है। सपने देखना एक बात है और सपनों को हकीकत में बदलना एक बात है। बहुत सारे बच्चे बहुत अच्छे से याद करते हैं अपने पाठ को और उनको लगता है कि मुझे सब याद हो गया लेकिन थोड़े समय बाद सब भूल जाता है।

             अर्थात् जो कुछ आपने पढ़ा है, वह सब कुछ आप समझ गये हैं? याद हो गया है? वह आपके दिमाग में बैठ गया है? आपकी स्मृति में वह आ गया है? या पढ़ते समय तो याद था परन्तु परीक्षा के समय भूल गये। तो इसका मतलब यह है कि आपने सही ढंग से अपनी तैयारी नहीं की है। वह तैयारी कैसी होनी चाहिये। वह ‘मेधावी ध्यान’ में सिखाया जायेगा। बहुत से बच्चे भ्रमित  हो जाते हैं। परीक्षा  देने के बाद जब बाहर आते हैं तो उन्हें पता चलता है कि उनका सब गड़बड़ हो गया।

             ये सब सारी चीजें हैं जो विद्यार्थियों के लिये और खासतौर पर उन लोगों के लिये भी जो अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं उनके साथ भी यही समस्या रहती है। तो सबके लिये एक अवसर है उस दिन जो सामने आकर सीखना चाहते हैं वो अवसर आनंदधाम आश्रम में मिलेगा और जो लोग अपने घर बैठे-बैठे ऑनलाइन सीखना चाहते हैं, उन्हें हमने फ्री रखा है। जितने स्टूडेन्ट हैं सबको निःशुक्ल है। बच्चों से कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा। यह सब खर्च संस्था स्वयं उठायेगी।

             आप लोगों को सिर्फ एक फार्म भरकर देना होगा। अपने घर बैठे-बैठे ध्यान को सीखिये और सफल होइये। मेधावी ध्यान आप सबके लिये उपयोगी है। आपकी पूरी सहायता करेगा। महाराजश्री का आशीर्वाद आप सबके साथ है, तब आइये, न बसंत पंचमी पर मेधावी शिविर में।

आनन्दधाम आश्रम में ऑनलाइन वसंत पंचमी पर ‘मेधावी ध्यान शिविर’

5 Comments

  1. Mazie Sharma says:

    Nanaskar,
    I want to join this online session ( Medhavi i Dhyan) online.
    Dhanyawaad

  2. Anju kakkar says:

    Main apne bachcho ko participate karana chaahti hu plz tell me the process of opening the form

  3. Dadi. Ratna says:

    Jai gurudevnamah

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