प्रभु हमें आशीष दो, सांसारिक कर्तव्य और जिम्मेदारियां अच्छे से निभा सकें | Prayers

प्रभु हमें आशीष दो, सांसारिक कर्तव्य और जिम्मेदारियां अच्छे से निभा सकें | Prayers

Prayers

प्रभु हमें आशीष दो, सांसारिक कर्तव्य और जिम्मेदारियां अच्छे से निभा सकें

सांसों का यह सफर यह पूंजी दिन रात घट रही है सांझ जीवन की दिखाई देती है और बहुत कुछ करना सबके लिए बाकी है। लक्ष्य भूल जाते हैं संसार की उलझनों में तन की पीड़ा मन की पीड़ा संसार की परिवार की समाज की सब की पीड़ाएं व्यक्ति को बाधित करती हैं।

परिस्थितियां अपनी ओर मोड़ती हैं सब ओर से गिरा हुआ मनुष्य तभी इस चक्रव्यूह से बाहर निकलता है जब प्रभु आपकी कृपा होती है जिस पर आप अपनी दया करते हैं उसे अपना नाम दान देते हैं आप उसको अपने आसन पर बैठने का अधिकार देते हैं

उसके हृदय में प्रेरणा देते हैं कि वो नाम जपे नाम जपाए सेवा करे सेवा कराए सहयोग दे प्रभु की राह में और दूसरों को भी सहयोग देने के लिए प्रेरित करे ,सांसारिक कर्तव्य ,धर्म पर चले और धर्म का संदेश दुनिया को दे।

अपना आचरण अपना व्यवहार आदर्श के रूप में स्थापित करे कि जिससे दूसरे भी प्रेरित हों। आनंद में जीता हुआ व्यक्ति आनंद का विस्तार करता हुआ आनंद को बांटता हुआ परमानंद में समाहित हो जाता है जब देह को छोड़ता है।

प्रभु हम यही प्रार्थना करते हैं आपका नाम हमारी जिह्वा पर बसे, हमारे कर्म में आप उतरें, हमारी बुद्धि को आप प्रेरणा दें,

हमारे अंत:करण में आप सुख उत्पन्न करें और हमारी आत्मा आनंद से प्रेम से भरपूर हो जाए, हमारा संयोग हर पल आपके साथ बना रहे, सांसारिक कर्तव्य और जिम्मेदारियां अच्छे से निभा सकें और अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें

बंधनों को काट सकें कष्टों से मुक्ति हो जन्म जन्मान्तरों के पाप ताप का प्रभाव हम धो सकें। ध्यान में बैठने का अधिकार दीजिए सद्गुरु के प्रति अगाध श्रद्धा दीजिए और उनके निर्देशों का पालन करें वचन अच्छे लगें, जीवन नियमित हो जाए।

प्रभु हमें आशीष दो विनती को स्वीकार करना।

ॐ शांति: शांति: शांति: ॐ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *