कैसे बनाएं अपने जीवन को आनंदमय? | आत्मचिंतन के सूत्र: | Sudhanshu ji Maharaj

कैसे बनाएं अपने जीवन को आनंदमय? | आत्मचिंतन के सूत्र: | Sudhanshu ji Maharaj

कैसे बनाएं अपने जीवन को आनंदमय?

कैसे बनाएं अपने जीवन को आनंदमय?

आत्मचिंतन के सूत्र: कैसे बनाएं अपने जीवन को आनंदमय ?

हर व्यक्ति खुशियों से भरी और सभी दुखों से दूर एक दुनिया की चाहत रखता है! आनंदमय जीवन जीने की कला सिखाते हैं गुरु!
सुखी आनंदमय जीवन के लिए कुछ प्रमुख बिंदु:

 सुबह भगवान को याद करने के बाद आप आत्मचिंतन करें कि आप आज का दिन कैसे बिताना चाहते हैं – रोकर या हँसकर!

 यदि आप आने वाले दिन को अच्छे से बिताने के लिए प्रतिबद्ध हैं! तो अपने आप से वादा करें कि मेरा लक्ष्य मुस्कुराना है, आभारी होना है लेकिन किसी को ठेस पहुंचाना नहीं है।

 न तो खुद को चोट पहुंचाएं और न ही दूसरों को! दिल और दिमाग दिन के 24 घंटे आपकी सेवा करते हैं ! कोशिश करें कि उन पर चिंता, तनाव और भय का बोझ न डालें। दूसरों से ही नहीं, अपने दिल से भी कहें ‘ख्याल रखना’

 हम जैसा सोचते हैं वैसे ही बन जाते हैं! इसलिए सकारात्मक विचारों की तरंगों को अपने भीतर से उठते हुए महसूस करें!

 अच्छे विचारों के लिए अच्छी संगति रखें, सकारात्मक विचारों पर मंथन करें और सकारात्मक बातें कहें!

 दुखी होना, नकारात्मक होना, क्रोधित होना या चिड़चिड़ा होना, इन्हें अपनी आदत न बनाएं। खुश रहने की आदत डालें, मुस्कुराते रहें। अपने भीतर दोहराएँ, ‘मैं यहाँ इस दुनिया में पीड़ित होने के लिए नहीं हूँ। खुश रहना मेरा अधिकार और आदत है’.

 एक संतुष्ट व्यक्ति समृद्धि को आकर्षित करता है। जहां कलह और क्लेश होगा वहां सुख नहीं रहेगा!

 हमेशा स्वस्थ, समृद्ध और आनंदित रहें, हमेशा प्रसन्न रहें! निश्चिंत बनें लेकिन लापरवाह नहीं। यह मत सोचो, ‘दूसरे क्या कहेंगे’?

अपने कार्य क्षेत्र में मेहनती भी रहें और हल्के दिल वाले भी। अपने प्रयासों और ईश्वर पर अनंत विश्वास रखें।

आत्मचिंतन  , atmachintan

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