हमारे मन में, हमारे हृदय में बसना प्रभु, यही विनती है | Prayer | Sudhanshu Ji Maharaj

हमारे मन में, हमारे हृदय में बसना प्रभु, यही विनती है | Prayer | Sudhanshu Ji Maharaj

हमारे मन में, हमारे हृदय में बसना प्रभु, यही विनती है

हमारे मन में, हमारे हृदय में बसना प्रभु, यही विनती है

हमारे मन में, हमारे हृदय में बसना प्रभु, यही विनती है

श्रद्धा भाव के साथ हम सभी दोनों हाथ जोड़ लें और आखे बंद करके परम प्यारे इश्वर से प्रार्थन कर लें कि दयानिधान, कृपानिधान, सर्वशक्तिमान परमेश्वर! आपको हृदय पूर्वक हम आभार व्यक्त करते हैं!

हम आपके बालक और बालिकाएं आपके चर्णों में उपस्थित होकर श्रद्धा भाव से आपको प्रणाम करते हैं! जीवन में जो भी हमारी उपलब्धियां हैं, जो भी आपकी कृपा से हमने पाया है! उस सब के लिए आपको हृदय पूर्वक हम आभार व्यक्त करते हैं!

आने वाला समय हमारा और भी सुखद हो इसके लिए प्रभु हमें आशीर्वाद दीजिए! आशीर्वाद दीजिए कि हमारा स्वास्थ अच्छा हो, मन शांत और हृदय प्रेम से भरपूर रहे!

जब तक इस संसार में हम हैं करमट रहें करम योगी बनकर जीएं धन से, वैभव से, साधन से संपन्नता जीवन में बनी रहे इस धरती के लिए, समाज के लिए कुछ बड़ा कर सके अपने गुरुजनों के प्रति हमारी श्रद्धा हमारा विश्वास और हमारी वफादारी दृढ हो हमारी यह भी प्रार्थना है प्रभु हमें अपनी भक्ति का दान दीजिए!

हम आपके शरणागत हो, आपकी शरण ग्रहण कर सकें! आपके नाम से ही हमारा दिन शुरू हो और आपके नाम के साथ ही हर दिन

हम शयन के लिए जाएं हमारे मन में, हमारे हृदय में बसना प्रभु हमारी वाणी आपका गुणगान करती रहे सभी का कल्याण हो, सबको सौभाग्य की प्राप्ती हो!

यही विनती है प्रभु आप स्वीकार कीजिए

प्रार्थना

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