आत्मचिंतन के सूत्र: | लक्ष्य आधारित जीवन जियो और लक्ष्य स्पष्ट होना आवश्यक है! | target resolution | Sudhanshu Ji Maharaj

आत्मचिंतन के सूत्र: | लक्ष्य आधारित जीवन जियो और लक्ष्य स्पष्ट होना आवश्यक है! | target resolution | Sudhanshu Ji Maharaj

लक्ष्य आधारित जीवन जियो और लक्ष्य स्पष्ट होना आवश्यक है!

लक्ष्य आधारित जीवन जियो और लक्ष्य स्पष्ट होना आवश्यक है!

लक्ष्य आधारित जीवन जियो और लक्ष्य स्पष्ट होना आवश्यक है!

लक्ष्य ऐसा हो जो आपको अंदर से और बाहर से कीमती बनादे! इसके लिए इन सूत्रों पर विचार कीजिये!

जीवन में क्या चाहते हो, आज से 5 साल बाद स्वयं को कहाँ देखना चाहते हो – चिंतन करो, अंकित करो की उसके लिए क्या तैयारी करनी है!

अपने अंदर जाग्रति पैदा करो – अगर आपके अंदर की आग जाग जाती है तो दुनिया की ऐसी कोई चीज़ नहीं जो आप हासिल न कर सकें!

ऊर्जा लक्ष्य प्राप्त करने में लगाओ: परमात्मा और गुरु की अनुकम्पा प्राप्त करने का लक्ष्य! लक्ष्य आधारित जीवन जियो, बेकार में इधर उधर नहीं दौड़ना ! स्वयं से कुछ वादे करो और उनको पूरा करने के लिए पूरी ताकत लगाओ!

अपना कायाकल्प स्वयं करो

अपना कायाकल्प स्वयं करो: अपनी आदतों का निरिक्षण करो – कौनसी अच्छी आदतें हैं, कौनसी गलत हैं, किन आदतों को पकड़े रखना है, किनको छोड़ देना है? आत्मसुधार से ही विकास होगा!

संकल्पित होना जरूरी है: लक्ष्य पाने का इरादा कभी कमजोर न पड़े! हारने से ही जीतने का मार्ग स्पष्ट होता है इस लिए हार जाना लेकिन हार नहीं मानना! काम करने का तरीका बदलो लेकिन कभी थको नहीं!

अपने अंदर शुभता लाओ: शुभता आती है शुद्ध और पौष्टिक भोजन से, नियमित व्यायाम से, शुभ विचारों से, नित्य भक्ति से, संतुलित जीवनशैली से, और खुश रहने से!

मौन की ध्यान द्वारा यात्रा शुरू करो

सुख और शांत होकर जीवन जीने से लक्ष्यप्राप्ति सरल होगी: शांति आएगी व्यवस्था से! अगर आप व्यथित हैं तो व्यवस्थित होने का प्रयास करो! अंदर शोर है तो मौन की ध्यान द्वारा यात्रा शुरू करो! बहादुर बनना है तो कायरता से मुँह मोड़ना होगा!

एक विज़न बोर्ड बनाओ या डायरी बनाओ जिस में आप अपना लक्ष्य, उसको पाने का मार्ग, और लिखो कुछ प्रेरक वचन जो आपकी अंदर की संकल्प शक्ति को जगाये रखें और हर दिन आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें!

 लक्ष्य वह जिसका नाम लेते ही मन में ख़ुशी आये और उसको पाने की आग और जागृत हो जाये! क्षणिक इच्छा लक्ष्य नहीं होता! स्वयं को याद करवाओ की आप अंदर से और बाहर से कीमती बनोगे और विकसित होना ही आपके जीवन का उदेश्य है!

आत्मचिंतन के सूत्र:Atmachintan, आपके जीवन का उदेश्य

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