आत्मचिंतन Atmachintan | साहसी बनो और डर पर विजय पाओ! | Sudhanshu Ji Maharaj

आत्मचिंतन Atmachintan | साहसी बनो और डर पर विजय पाओ! | Sudhanshu Ji Maharaj

आत्मचिंतन | Atmachintan | साहसी बनो और डर पर विजय पाओ!

साहसी बनो और डर पर विजय पाओ!

भय मजबूत से मजबूत लोगों का विनाश कर सकता है। और भय को, डर को केवल आत्मविश्वास से दूर किया जा सकता है।
आप डरने के लिए नहीं बल्कि हर डर पर विजय पाने और विजेता बनने के लिए इस दुनिया में हैं। यह तभी संभव है जब आप आत्मविश्वास से भरे हों।
भय है अन्धकार और साहस है जैसे सूरज की रोशनी! मन को साहस की रौशनी पर केंद्रित करने से भय के अन्धकार का नाश होगा! सूरज की रोशनी के सामने अंधेरा नहीं हो सकता।
अपने आत्मविश्वास को कभी टूटने न दें। आत्मविश्वास ही आपकी सबसे बड़ी ताकत है। जिसके पास यह ताकत है वह बीमारी और किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति पर जीत हासिल करेगा!
डरने वालों को और डराती है दुनिया! गिरनेवाले को और गिराती है दुनिया! तो क्यों अपनी कमजोरी का प्रदर्शन करते हो दुनिया के सामने! दुनिया के मालिक पर भरोसा करो और उससे साहस मांगो!
जब आप भगवान पर भरोसा करते हैं, तो विश्वास करें कि वह आपके साथ हैं, नियमित रूप से उनके नाम का जाप करें, और यह विश्वास करें कि सभी बुरे लोग दूसरों के लिए हैं, फिर डर क्यों?
कभी भी अंधविश्वास के चक्कर में नहीं पड़ना! कोई शगुन बुरा नहीं होता! हर पल उस मालिक का बनाया हुआ है! जो भक्त है, उसे किसी भी तरह के बुरे शगुन से कोई नुकसान नहीं होगा।
आपके विचार बदलते ही आपकी परिस्थितियाँ बदल जाती हैं।अपने आत्मविश्वास को कभी टूटने न दें।
किसी चीज से डरना गलत नहीं है लेकिन उसका मुकाबला न करना गलत है; यह हमारे जीवन का उद्देश्य कभी नहीं था। हम अपनी प्रतिभाओं के जरिए इस दुनिया में बदलाव लाने के लिए पैदा हुए हैं ।
उठो, जागो, साहसी बनो और डर के सर पर पैर रखकर अपनी मंज़िल तक पहुंचो!

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