हे परमेस्वर श्वासों में आपका नाम सिमर सकें | Prayer | प्रार्थना | Sudhanshu Ji Maharaj

हे परमेस्वर श्वासों में आपका नाम सिमर सकें | Prayer | प्रार्थना | Sudhanshu Ji Maharaj

हे परमेस्वर श्वासों में आपका नाम सिमर सकें

प्रार्थना|Prayer

प्रभात की इस पवित्र बेला में अपने प्यारे ईश्वर से जुड़ते हुए अपने हृदय की पुकार भगवान की समक्ष रखिए। हे परमेश्वर! श्वांसों की कुछ ही जमा पूंजी लेकर हम इस संसार में हैं। बहुत सारा समय जीवन का व्यतीत भी हो गया। जीवन के कर्त्तव्य अनेक तरह के शेष हैं।

सांसारिक चुनौतियां भी बहुत हैं। अनेक बाधाओं की बीच भी जीवन की यात्रा इस लोक से होकर आपके धाम तक जा सके। व्यक्तियों के साथ
सम्बन्धों को निभाते हुए हम अपना सम्बन्ध आपसे निभा सकें। आती-जाती हुई श्ंवासों में आपका नाम सिमर सकें और प्रत्येक कार्य में आपको शामिल कर सकें।

हमारे मन में स्थिर होना प्रभु, कि विचारों में श्रेष्ठता आये। हमारी आंखों में अपनी कृपा बरसाना जिससे यह दृष्टि दिव्य दृष्टि बनें। कानों पर भी अपनी कृपा करना कि भद्र सुनें और वही सुनें जिसके हम प्रगति की ओर जाएं और आपका साथ न छुटे। इस हृदय में बसना कि हृदय की हिलोर आपके साथ जुड़ी रहे।

प्रेम की तरंगे आपके चरणों से जुड़ी रहें। हे प्रभु इन हाथों पर अपनी कृपा करना कि सत्सकर्म हों, किसी का हक न छीनें और किसी को किसी प्रकार का कष्ट न भी दें। ये पग आपकी राह में चलते रहें संसार का किया हुआ संग्रह और संसार के समस्त रिश्ते-नाते इन सभी को छोड़कर और अपनी देह को भी यहीं छोड़कर ये जीव अगली यात्रा में जाया करता है।

जब भी वह समय आये तो हम अपने आप में संतुष्ट हों और धन्यवाद करते हुए आपके धाम की ओर आएं। प्रसन्नता के साथ एक-एक दिन व्यतीत हो।

मन में शांति रहे, हृदय में प्रेम रहे, चेहरे पर मुस्कान रहे, कर्म करने की शक्ति अंतिम समय तक बनी रहे। अपनी आत्मा में हम कलुष पैदा न करें क्योंकि पूरे संसार का सामना हम कर सकते हैं लेकिन अपने खुद के अंदर दुःख  का सामना नहीं कर पाते।

आशीष दो ये जीवन धन्य हो। आपके दर से जुड़े हुए सभी भक्तों पर अपनी कृपा बरसाना भगवान और सबकी झोलियां भरना यही विनती है हमारी, स्वीकार करना।

ओम् शांतिः शांतिः शांतिः ओम्

3 Comments

  1. परम पूज्य परम वंदनीय पतित पावन श्री सदगुरु देव महाराज जी के श्री चरणों में कौटी कौटी दणडवत प्रणाम नमन शुक्रिया बहुत बहुत शुक्रिया आपकी हर दैन के प्रति शुक्रिया आपकी क्रपा द्रष्टि सभी भक्तों पर सदैव बनी रहे औम गुरुवै नम औम नमो भगवते वासुदेवाय नम

  2. ताराचंद जांगिड़ says:

    ओम शांती

  3. ताराचंद जांगिड़ says:

    परम पूज्य परम वंदनीय पतित पावन श्री सदगुरु देव महाराज जी के श्री चरणों में कौटी कौटी दणडवत प्रणाम नमन शुक्रिया बहुत बहुत शुक्रिया आपकी हर दैन के लिए शुक्रिया औम गुरुवै नम औम नमो भगवते वासुदेवाय नम

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