आत्मचिंतन के सूत्र | सतगुरु से जीवन में उल्लास और सम्पूर्णता प्रवेश करती है! | Sudhanshu Ji Maharaj

आत्मचिंतन के सूत्र | सतगुरु से जीवन में उल्लास और सम्पूर्णता प्रवेश करती है! | Sudhanshu Ji Maharaj

सतगुरु से जीवन में उल्लास और सम्पूर्णता प्रवेश करती है!

सतगुरु से जीवन में उल्लास और सम्पूर्णता प्रवेश करती है!

उल्लासपर्व , परम पूज्य सतगुरु सुधंशुजी महाराज का अवतरण दिवस! उतरा है कोई चाँद बनकर विश्व आंगन में बिखर गई चांदी सी रोशनी अंतर्मन में  स्पंदन है सात्विक लहरों का,नूपुर से मधुर संगीत जो छू जाता है अंतर्चेतना, उल्लासपर्व पर जाग्रत हुई नवीन प्रेरणा ! अवतरित हुई एक दिव्य आत्मा सुधांशूजी है जिनका पावन नाम, और आनंदधाम है उनका पावन धाम !

लाखों के ह्रदय का स्पंदन ,लाखों के ह्रदय की धड़कन, लाखो के जीवन की आशा, जिनके दर्शन से ही मिटे निराशा, जिनकी अमृतवाणी बन जाये जीने की आशा ! इस उल्लास के पर्व की सभी भक्तों को शुभकामनाएं और बधाई!

2 मई के अति पावन दिवस पर हमारे गुरुदेव इस धरती धाम पर अवतरित हुए- ईश्वर के प्रतिनिधि बनकर – सोई हुई दुनिया को जगाने ! विश्व जाग्रति मिशन के आधार गुरुदेव जो जन जन तक दिव्य ज्ञान की रश्मियां बिखेर कर उन्हें जाग्रत कर रहे हैं !

पूज्य गुरुदेव की कृपायें अगणित शिष्यों को छू रही हैं जो कृतज्ञ हैं गुरुदेव की अनंत कृपा, करुणा, सहानुभूति और मार्गदर्शन के लिए!
प्रत्येक मानव की यह जीवन यात्रा सम्पूर्णता की यात्रा है और जिनको इस जीवन में सतगुरु प्राप्त होता है, उनकी यात्रा सम्पूर्ण हो जाती है!
महाराजश्री हैं सम्पूर्ण ज्ञान का सागर जिस में गोता लगाने से मनचाहा प्राप्त होता है!

सदगुरु का सानिध्य

सदगुरु का सानिध्य यानी दीक्षा प्राप्त करने के बाद शिष्य को आध्यात्म की राह मिलती है ,वह अपने जीवन का आमूल चूल परिवर्तन करने की सामर्थ्य पा लेता है -गुरुकृपा ही केवलम ! गुरुदेव ने भक्ति, ध्यान साधना के साथ ही सेवा प्रकल्पों पर भी बहुत ध्यान दिया है! मंदिर निर्माण के साथ अनाथाश्रम, हॉस्पिटल, गुरुकुल और गौशालाओं का भी कार्य चल रहा है!

गुरुदेव मानवता को निष्काम सेवा, दान, यज्ञ की शिक्षा प्रदान करके उन्हें प्रेरित कर रहे हैं! गुरुदेव द्वारा निर्मित धर्मादा सेवा एक अद्बुध प्रयोजन है! यही है अपने भाग्यनिर्माण का रहस्य्मयी साधन! सभी को गुरुदेव के सेवा प्रकल्पों में बढ़ चढ़कर सहयोग करना चाहिए- यहीं से आप पुण्यों का खाता ऊगा सकते हैं!

2 Comments

  1. Ravi Pratap Singh says:

    गुरु महाराज के चरणो में कोटि कोटि वंदन। आपका इस धरा पर अवतरण हम भक्तो के लिए सौभाग्य और गर्व की बात है। गुरु महाराज की छत्र छाया उस विशाल वृक्ष के समान है जिसके नीचे बैठकर हम को किसी भी बारिश , तपिश ,या आंधी तूफान का भय नहीं रहता।

  2. Niti Arora says:

    Satguru devay namah
    Aapke shubh charno mei koti koti pranam gurudev
    Aapki aseem kripao ka shukrana gurudev

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *